दादी माँ की कहानी

गाँव की सबसे बड़ी सबसे बुजुर्ग और सबसे होशियार दादी माँ अकेले एक छोटे से गाँव में रहती थीं। वह हमेशा अपनी कहानियों से गाँववालों को सिख और मनोरंजन प्रदान करती थीं।

एक बार की बात है, गाँव में अचानक एक बड़ा संघटन हो गया। सभी लोग चिंतित थे और उन्हें अचानक से अपने गाँव को सुरक्षित रखने का उपाय नहीं मिल रहा था। उन्होंने देखा कि दादी माँ एक कोने में बैठी हैं, और सभी गाँववालों को उनके पास बुलाया।

दादी माँ ने गाँववालों से कहा, “देखो बच्चों, जिंदगी में हमेशा मुश्किलें आती रहती हैं, पर हमें उनका सामना करना सिखना चाहिए।” फिर उन्होंने एक कहानी बताई…

“कई साल पहले एक बुजुर्ग आदमी था जो अपने बेटे को सिखाना चाहता था कि जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ना होता है। उसने अपने बेटे को एक पत्थर दिया और कहा, ‘इस पत्थर को उधेड़ने की कोशिश करो।'”

“बेटा बहुत कोशिश करता रहा, पर उस पत्थर को उधेड़ने में सफल नहीं हो सका। तब उसके पिताजी ने कहा, ‘बेटा, तूने प्रयास किया है, इससे हमें सीख मिलती है कि कभी-कभी हार मानना भी जरूरी होता है।'”

इसके बाद दादी माँ ने गाँववालों को समझाया कि जीवन में हार और जीत दोनों होते हैं, और हमें हर स्थिति का सामना करना सिखना चाहिए।

इस कहानी से सबने यह सीखा कि मुश्किलें हमेशा आती रहती हैं, पर हमें उनका सामना करना और सीखना चाहिए।

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