किसी छोटे से गाँव में रहने वाले राजीव और मीता, एक दूसरे से बड़े प्यार से जुड़े थे। वे जीवन के हर मोड़ पर एक दूसरे के साथ थे, लेकिन एक दिन एक छोटी सी बात ने उनके बीच दूरी बढ़ा दी।
राजीव ने बहुत दिनों बाद अपने बीजनेस की एक बड़ी डील को सफलता से किया था, लेकिन उसकी हंसी में बीते कुछ महीने से कमी आ गई थी। मीता, जो एक घरेलू शिक्षिका थी, ने इसे ध्यान में रखा और उससे बात करने का फैसला किया।
रात के खाने के बाद, मीता ने राजीव से पूछा, “क्या बात है, राजीव? तुम इतने दिनों से कुछ खुश नहीं लग रहे हो।”
राजीव ने गहराई से सांस ली और बोला, “मीता, मैं यह नहीं समझ पा रहा कि मैंने जो काम किया है, उससे मुझे इतना आत्म-संतोष क्यों नहीं है?”
मीता ने समझाया, “राजीव, कभी-कभी हम अपनी सफलता को इतना सोचते हैं कि हम अपने आसपास के महत्वपूर्ण चीजों को भूल जाते हैं। तुमने यह सोचा है कि सफलता तुम्हें खुशी देगी, लेकिन वास्तविकता यह है कि सफलता वित्तीय और पेशेवर सफलता हो सकती है, लेकिन यह आत्म-संतोष नहीं दे सकती।”
राजीव ने गहराई से सुना और महसूस किया कि उसने अपनी जिम्मेदारियों में इतना व्यस्त रहकर अपने रिश्तों को ठीक से ध्यान नहीं दिया था।
उसने मीता की बातों को गहराई से ग्रहण किया और मुस्कराते हुए कहा, “तुमने सही कहा, मीता। मैंने अपनी कई ज़िम्मेदारियों में खो दिया है, लेकिन अब मैं उसे सुधारने का निर्णय करता हूं।”
उन्होंने मिलकर एक नए शुरुआत का निर्णय किया और एक दूसरे के साथ समय बिताने का फैसला किया। वे जाने-अनजाने में एक दूसरे से दूर हो गए थे, लेकिन अब वे एक दूसरे की महत्वपूर्णता को समझ गए थे।
इस कहानी से सिख: यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर हम अपने रिश्तों को ध्यान नहीं देते हैं, तो हम खुद को अकेला महसू