पौधों में जिंक की कमी के लक्षणों का सामान्यत:
- पत्तियों का स्वरूप:
- पत्तियां छोटी, कमजोर या स्थूल हो सकती हैं।
- पत्तियों के किनारे सफेद या पीले रंग के हो सकते हैं।
- पौधों की गति:
- पौधों की वृद्धि धीमी हो सकती है।
- पौधों की ऊँचाई कम हो सकती है।
- फूलों का नकारात्मक प्रभाव:
- फूलों का विकास रुका हो सकता है या फूल छोटे हो सकते हैं।
- फूलों की संख्या कम हो सकती है।
- पोषण संबंधित लक्षण:
- पत्तियों में सफेद या पीले रंग की छाया हो सकती है, जिसे “कोर्सेनेस” कहा जाता है।
- पत्तियों के बीच में सुर्खियों की गड़गड़ाहट हो सकती है।
- बूटी संबंधित संकेत:
- पौधों की बूटी सुख सकती है या कम हो सकती है।
जिंक की कमी को ठीक करने के लिए जिंक की खाद्य सामग्री का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। यह विशेषकर उपज बढ़ाने वाले पौधों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिंक पौधों के लिए एक महत्वपूर्ण मिनरल होता है जो वृद्धि और प्रतिरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।